निगाह ये काम कर गई

निगाह ये काम कर गई


देखा जो नजर भर के कत्ल–ए–आम कर गई
उसकी निगाहे कातिल ये काम कर गई।

सुने थे उसके हुस्न के चर्चे सरे बाजार
देखा जो हुस्ने यार, तबियत बेईमान कर गई।

कहते हैं लोग हुस्न औ वफा का नहीं है मेल
वो जाने जिगर मुझपे जान अपनी कुर्बान कर गई।

हमने भी रख दिया है सीने को नोक पे
उसकी नज़र का खंजर जिगर पार कर गई।

राहे वफा में पहल भी पीछे ना हटेंगे
दिल चीर के रख दिया है कदमों में डाल के।।

आभार – नवीन पहल – १२.०८.२०२३ ❤️❤️

# आधे अधूरे मिसरे प्रसिद्ध पंक्तियां प्रतियोगिता हेतु 

   4
2 Comments

बेहतरीन अभिव्यक्ति

Reply

Mohammed urooj khan

12-Aug-2023 01:45 AM

👌👌👌👌👌

Reply